अब क्या आपको खेती की जमीन पर भारी टैक्स देना पड़ेगा? केंद्र सरकार द्वारा इनकम टैक्स नियमों में किए जा रहे बदलावों ने किसानों और जमीन मालिकों की चिंता बढ़ा दी है। आयकर विभाग ने 2025 के लिए प्रस्तावित नए नियमों में खेती की जमीन से होने वाली आय पर भी टैक्स लगाने की बात कही है। यह प्रस्ताव अगर लागू होता है, तो इसका सीधा असर देश के करोड़ों किसानों और जमीन मालिकों पर पड़ेगा।
क्या है नया प्रस्ताव?
आयकर विभाग के मुताबिक, अगर कोई व्यक्ति खेती की जमीन से होने वाली आय का इस्तेमाल व्यक्तिगत लाभ या अन्य व्यावसायिक गतिविधियों के लिए करता है, तो उस आय पर टैक्स लगाया जाएगा। इसका मतलब यह है कि अगर कोई किसान या जमीन मालिक अपनी खेती की जमीन को किराए पर देता है या उस पर कोई व्यावसायिक प्रोजेक्ट शुरू करता है, तो उसकी आय को अब टैक्स के दायरे में लाया जाएगा।
हालांकि, पारंपरिक खेती से होने वाली आय को अभी भी टैक्स से मुक्त रखने की बात कही गई है। लेकिन, अगर किसान या जमीन मालिक खेती के अलावा अन्य स्रोतों से आय अर्जित करते हैं, तो उन्हें टैक्स देना होगा।
क्यों उठ रहे हैं सवाल?
इस प्रस्ताव पर किसान संगठनों और अर्थशास्त्रियों ने मिली-जुली प्रतिक्रिया दी है। कुछ का मानना है कि यह कदम किसानों पर अतिरिक्त बोझ डाल सकता है, जबकि अन्य का कहना है कि यह नियम केवल उन लोगों पर लागू होगा जो खेती की जमीन का दुरुपयोग कर रहे हैं।
किसान नेता राकेश टिकैत ने इस प्रस्ताव को “किसान विरोधी” बताते हुए कहा कि यह कदम किसानों की आर्थिक स्थिति को और कमजोर करेगा। उन्होंने कहा, “खेती की जमीन से होने वाली आय पहले से ही अनिश्चित है। अगर इस पर टैक्स लगाया गया, तो किसानों के लिए जीवनयापन करना और मुश्किल हो जाएगा।”
वहीं, अर्थशास्त्री डॉ. अरुण कुमार का कहना है कि यह नियम केवल उन लोगों पर लागू होगा जो खेती की जमीन का इस्तेमाल व्यावसायिक उद्देश्यों के लिए कर रहे हैं। उन्होंने कहा, “यह कदम काले धन को रोकने और टैक्स चोरी को कम करने के लिए उठाया गया है।”
क्या होगा असर?
अगर यह प्रस्ताव लागू होता है, तो इसका सीधा असर उन किसानों और जमीन मालिकों पर पड़ेगा जो खेती के अलावा अन्य स्रोतों से आय अर्जित करते हैं। उदाहरण के लिए, अगर कोई किसान अपनी जमीन पर सोलर पैनल लगाकर बिजली बेचता है या जमीन को किराए पर देता है, तो उसकी आय पर टैक्स लगेगा।
इसके अलावा, यह नियम उन लोगों को भी प्रभावित करेगा जो खेती की जमीन को व्यावसायिक उद्देश्यों के लिए इस्तेमाल करते हैं, जैसे रियल एस्टेट डेवलपमेंट या पर्यटन परियोजनाएं।
क्या है सरकार का रुख?
सरकार का कहना है कि यह प्रस्ताव केवल उन लोगों पर लागू होगा जो खेती की जमीन का दुरुपयोग कर रहे हैं। वित्त मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि यह कदम काले धन को रोकने और टैक्स चोरी को कम करने के लिए उठाया गया है। उन्होंने कहा, “हम किसानों की आय पर टैक्स नहीं लगा रहे हैं। यह नियम केवल उन लोगों पर लागू होगा जो खेती की जमीन का इस्तेमाल व्यावसायिक उद्देश्यों के लिए कर रहे हैं।”
क्या करें किसान?
अगर यह प्रस्ताव लागू होता है, तो किसानों और जमीन मालिकों को अपनी आय के स्रोतों को स्पष्ट रूप से दर्ज करना होगा। उन्हें अपने खातों का सही रिकॉर्ड रखना होगा और समय पर टैक्स रिटर्न दाखिल करना होगा। इसके अलावा, उन्हें अपनी जमीन का इस्तेमाल सावधानी से करना होगा ताकि वे टैक्स के दायरे में न आएं।
इनकम टैक्स 2025 के नए नियमों ने किसानों और जमीन मालिकों के बीच चिंता पैदा कर दी है। हालांकि, सरकार का कहना है कि यह कदम केवल उन लोगों पर लागू होगा जो खेती की जमीन का दुरुपयोग कर रहे हैं। अगर आप एक किसान या जमीन मालिक हैं, तो अपनी आय के स्रोतों को स्पष्ट रूप से दर्ज करें और टैक्स नियमों का पालन करें।
अधिक जानकारी के लिए आयकर विभाग की आधिकारिक वेबसाइट https://incometaxindia.gov.in पर विजिट करें या अपने नजदीकी टैक्स कार्यालय में संपर्क करें।